Saas Bahu Mein Ladai Kyun Hoti Hai : कई बार हम घर में रहकर सास-बहू की लड़ाई देखते हैं। लेकिन हमें समझ नहीं आ रहा कि वह छोटी-छोटी बातों को लेकर इतने बड़े झगड़े में कैसे पड़ जाती है। जिससे घर में रहने से हमारा दिमाग खराब होने लगता है। रोज-रोज के झगड़ों से हर आदमी का दिमाग खराब हो जाएगा। इसीलिए आज हम आपको बताएंगे कि सास-बहू में लड़ाई क्यों होती है। साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि कैसे आप इस लड़ाई को रोक सकते हैं।
पहला सबसे बड़ा कारण यह है कि सास-बहू के झगड़े बिल्कुल बेकार होते हैं, यानी इन झगड़ों का कोई कारण नहीं होता। इसलिए कहा जाता है कि सास-बहू का रिश्ता बेहद खास होता है।
लेकिन हमारी भारतीय संस्कृति में ऐसा कभी नहीं देखा गया है कि सास और बहू एक समय में बहुत खूबसूरत हो जाती हैं क्योंकि दोनों का स्वभाव होता है। ईश्वर ने इनका स्वरूप इसी के आधार पर बनाया है। यह कहावत आपने कई बार सुनी होगी कि घर में चार बर्तन हों तो खटखटाते रहते हैं। तो इस मुहावरे को इस स्तर पर रखा गया है और इस पर बहुत सटीक बैठता है।
लेकिन अगर आप सास-बहू के झगड़े से परेशान होकर कोई हल ढूंढ रहे हैं तो दोनों को बैठकर सफाई देनी चाहिए। क्योंकि हमारे यहां न तो बहू को बेटी का दर्जा दिया जाता है और न ही सास को मां का दर्जा दिया जाता है। कई बार इसे एक ही पहलू से करने के कारण विविधताएं सामने आने लगती हैं। इसलिए हर तरफ से इसका सामना करना बहुत जरूरी है क्योंकि एक कहावत है कि एक हाथ से कभी ताली नहीं बजती।
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इसलिए हमारे जीवन में स्नेह की अनुभूति आवश्यक है। हमें अपनी बहू को हमेशा बेटी की तरह रखना चाहिए और अपनी सास को हमेशा एक मां की तरह पूरा दर्जा देना चाहिए। नहीं तो यह सांसारिक जीवन व्यर्थ हो जाएगा। घर में कलह और क्लेश रहेगा तो शुरुआत भी नहीं हो पाएगी।
इसलिए इस झंझट को घर से निकाल दें और हर सोलहवें दिन करें और घर को खूब प्यार और दुलार से पालें। अपने रिश्तों को बिखरने न दें।
कई बार हमने देखा है कि सास-बहू की लड़ाई में लड़का हमेशा पिस्ता ही रहता है। क्योंकि अगर वह पत्नी की बात मान लेता है तो मां उससे रिश्ता तोड़ देती है और अगर पत्नी की नात सुनकर मां की बात मान लेता है तो पत्नी भी उसका साथ छोड़ देती है। इसलिए किसी भी लड़के को कभी भी इस दुविधा में नहीं डालना चाहिए और अपनी लड़ाई अपने तक ही रखनी चाहिए। घर के अंदर क्लेश नहीं फैलाना चाहिए।